शेषशायी नारायण मंदिर

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शेषशायी नारायण भगवान मंदिर निर्माण में आप सभी अपना सहयोग दे सकते है, और इस पवित्र पुण्य कार्य के सहभागी बन सकते है. सहयोग राशि जमा करने के लिए बैंक डिटेल निचे दी गई है.
खाता नाम : श्री नारायण भक्ति पंथ
बैंक: बैंक ऑफ इंडिया
खाता संख्या : 069120110000106
आई.एफ़.एस.सी. कोड : BKID0000691
शाखा : लोंखेड़ा, (ताल. शहादा जिला. नंदुरबार, महाराष्ट्र)
शेषशायी नारायण भगवान मंदिर निर्माण

शहादा, जिला नंदुरबार (महाराष्ट्र)  

आपको यह जानकर हर्ष होगा कि महाराष्ट्र के नंदुरबार जिले में स्थित शहादा तहसील भारत देश की एक बहुत बड़ी धार्मिक पहचान बनने जा रही है। 
यहाँ पर निर्माणाधीन है विष्णु भगवान का दिव्य तीर्थ, जिसमें विराजमान होंगे शेषशायी नारायण भगवान। 

पाँच धातुओं से निर्मित यह ठोस श्रीमूर्ति 11 फ़ुट ऊँची होगी, 
जिसका भार 21 टन (21,000 किलोग्राम) होगा। 
विश्वविक्रम के रूप में दर्ज होने वाला यह विश्व का पहला ऐसा श्रीविग्रह होगा। 

लगभग दो लाख वर्ग फ़ुट क्षेत्र में मंदिर का निर्माण किया जा रहा है। 
विशेष बात यह है कि मंदिर में लोहे का उपयोग नहीं होगा। 
पूरा मंदिर पत्थर से निर्मित किया जा रहा है। 
इसमें लगभग 15,000 टन पत्थर का उपयोग किया जाएगा, 
और प्रत्येक पत्थर पर अद्भुत आकृतियाँ नक्काशी की जा रही हैं। 

मूर्ति सहित मंदिर के निर्माण में लगभग 60 करोड़ रुपये का व्यय होगा। 
अनेकों भक्तों द्वारा लक्ष्मीपति श्री नारायण की सेवा में तन, मन और धन से अर्पण किया जा रहा है। 

“श्री श्री नारायणपुरम् तीर्थ” शहादा धाम विष्णु भक्त सद्गुरु श्री लोकेशानंद जी महाराज की प्रेरणा से 
श्री नारायण भक्ति पंथ के तत्वावधान में, शांतिलाल पाटिल (काका) व मीना काकी के संचालन में, 
तथा रामेश्वर जी (संतजी) एवं नितिका दीदी के निर्देशन में यह विशाल संकल्प साकार हो रहा है। 

साथ ही, अनेकों भक्त सेवा और सत्संग से धन्य हो रहे हैं।  घर–घर में विष्णु भगवान के स्वरूप विराजमान हो रहे हैं। 
एक लाख घरों में विष्णु भगवान की स्थापना करने का संकल्प भी आगे बढ़ रहा है। 

विष्णु महिमा 

सबसे श्रेष्ठ मंदिर विष्णु भगवान का मंदिर होता है — और यह अत्यंत दुर्लभ भी। 
विष्णु भगवान के दर्शन करने से समस्त मनोकामनाएँ पूर्ण होती हैं। 
विष्णु भक्त धन–सम्पन्न होता है और धर्म–सम्पन्न भी। 

संसार में ऐसे गुरु का मिलना ही सौभाग्य है जो स्वयं भगवान विष्णु के भक्त हों। 
विष्णु भक्त ही महालक्ष्मी जी की कृपा के पात्र बनते हैं। 
विष्णु भगवान के मंदिर में प्रतिदिन नियमित दर्शन करने वाला व्यक्ति 
समस्त कामनाओं को पूर्ण करते हुए मोक्ष का भागी बनता है। 

यह तीर्थ स्थल महाराष्ट्र में स्थित है, जहाँ तीन राज्यों की सीमाएँ मिलती हैं।
यहाँ से मध्यप्रदेश की सीमा (15 किमी), गुजरात की सीमा (25 किमी), इंदौर शहर (225 किमी) तथा सूरत (200 किमी) की दूरी पर स्थित हैं।
निकटतम रेल सुविधा नंदुरबार (30 किमी) और दोंडाईचा | (25 किमी) पर उपलब्ध है।